जानिये लू लगने के घरेलू उपचार और लू लगने के लक्षण

 लू लगने के घरेलू उपचार

गर्मियों के दिनों में अपने देश के कई शहरों में तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल होने लगता है। इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू (Heat stroke) कहते हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले लोग इन गर्म हवाओं को सहन कर लेते हैं लेकिन अधिकांश लोग इन हवाओं को सहन नहीं कर पाते हैं और इनके संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं। अपने देश में हर साल काफी बड़ी तादात में लोग लू की चपेट में आ जाते हैं। 

लू लगने के घरेलू उपचार


लू तब लगती है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता है। सामान्य तौर पर, यह गर्म और आर्द्र वातावरणों में अत्यधिक परिश्रम के कारण होता है। चेतना की हानि, भ्रम और दौरे लू लगने के प्रमुख लक्षण हैं। यदि इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह अंग विफलता, कोमा या मृत्यु का कारण भी बन सकता है। लू या हीटस्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं: एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक और नॉन-एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक। एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक गर्म और आर्द्र वातावरणों में शारीरिक अत्यधिक परिश्रम के कारण होता है। यह कुछ ही समय में विकसित हो सकता है, शायद कुछ घंटों में। दूसरी ओर, नॉन-एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक उम्र या अंतर्निहित बीमारियों के परिणामस्वरूप हो सकता है। यह कई दिनों में विकसित हो सकता है। लू लगने के लक्षण और उपाय के बारे में जान्ने से पहले उन कारकों के बारे में बात करें जो इस स्थिति के जोखिम को आमंत्रित करती हैं।


लू लगने से कौन अधिक संवेदनशील है?


वृद्ध और शिशुओं को लू लगने का अधिक खतरा होता है क्योंकि उनके शरीर तापमान को अच्छी तरह से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हो होता है। फील्ड कार्यकर्ता, और एथलीट जिन्हें गर्म परिस्थितियों में शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, लू के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं।

लू लगने की संभावना बढ़ाने वाले अन्य कारक:


  • शराब का सेवन
  • दिनभर में पर्याप्त पानी न पीना
  • हृदय की समस्याएं, किडनी की समस्याएं या नींद की बीमारी जैसी कुछ स्थितियों से पीड़ित होना।
  • तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर की क्षमता को प्रभावित करने वाली दवाएं लेना। ये रक्तचाप की दवाएं, मूत्रवर्धक, शामक आदि हो सकते हैं।


लू लगने के लक्षण


लू लगने पर सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। शुरुआत में इन लक्षणों की तीव्रता काफी कम होती है लेकिन समय के साथ साथ ये बढ़ते जाते हैं। लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है और शरीर में गर्मी बढ़ती जाती है। शरीर में गर्मी बढ़ने के बावजूद भी लू लगने के दौरान शरीर से पसीना नहीं निकलता है।

लू लगने पर उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द होना आम बात है। उल्टी होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले या शारीरिक रुप से कमजोर लोग लू लगने से बेहोश भी हो जाते हैं।

लू लगने पर क्या करें :
लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटायें। शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी चालू कर दें। अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

लू से बचने के उपाय :
यह सच है कि हर साल लू से कई लोगों की जान चली जाती है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर गर्मी के मौसम में आप ठीक ढंग से अपना ख्याल रखें और कुछ ज़रुरी सावधानियां बरतें तो लू के प्रकोप से बच सकते हैं। आइये लू से बचने के कुछ प्रमुख उपायों (sunstroke treatment in hindi) के बारे में जानते हैं।

-गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें

-पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।

-हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।

-गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें

-ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें।

-अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।

लू से बचने के लिए घरेलू उपाय


लू लगने के घरेलू उपचार



लू से बचना है तो कभी भी खाली पेट नहीं निकलें. हमेशा ब्रेकफास्ट करके या कुछ हेवी खाकर निकलें. इससे लू नहीं लगती है. 

पानी की बोतल (Water bottle)
लू और गर्मी से बचना है तो खुद को हाइड्रेटेड रखें. घर से खूब सारा पानी पीकर निकलें और रास्ते के लिए ठंडी पानी की बोतल रख लें. कुछ-कुछ देर पर पानी पीते रहें. 
लू लगने पर पानी ही आपकी सबसे ज्यादा मदद करता है, इसलिए लू लगने पर पानी ज्यादा पिएं, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी पूरी हो सके, क्योंकि इसकी कमी के कारण ही आप लू की चपेट में आए थे।
छाता साथ लेकर जाएं (Umbrella)
गर्मियों में सुबह आठ बजे ही तेज धूप हो जाती, ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा रहता है. अगर आप खुद की कार से नहीं जा रहे हैं तो छाता का प्रयोग करें. जहां जरूरत हो छाता खोल लें.  
प्याज जरूर खाएं (Onion)
गर्मियों में खासकर लू के समय प्याज जरूर खाना चाहिए. प्याज को सलाद के रूप में खाएं. हो सके तो एक बहुत छोटी सी प्याज को अपनी जेब में रखें. प्याज आपको लू से बचाता है. लू लग जाने पर प्याज रामबाण इलाज करता है. लू वाले व्यक्ति को प्याज का रस हथेलियों और पैरों के तलों पर लगा देने से लू का असर कम होता है.  
आम पन्ना (Aam panna)
आम पन्ना गर्मियों का बेहद लोकप्रिय ड्रिंक है. इसे घर में भी तैयार किया जा सकता है. कच्चे आम को उबालकर, उसका गुद्दा निकालकर उसे शक्कर, पोदीने के पत्तों के साथ पीसकर तैयार कर लें. फिर इसमें ऊपर से भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाकर फ्रीज में ठंडा कर पिया जाता है. यह टेस्टी होने के साथ आपको लू से भी बचाता है.
लिक्विड पेय का प्रयोग करें
लू लगने पर लिक्विड पदार्थ जैसे- छाछ, दही, जूस, गन्ने का रस, सब्जी का रस, शिकंजी, जूस आदि पीना चाहिए। इससे आपकी बॉडी को अंदर से ठंडक मिलती है और आपके शरीर का तापमान भी कम हो जाता है।
जौ के आटे और बेसन का करें प्रयोग
लू लगने से शरीर पर हल्के लाल निशान पड़ जाते हैं, इसके लिए आप जौ के आटे और बेसन का प्रयोग कर सकते हैं। जौ को प्याज के साथ पीसकर उसे शरीर पर लगाएं, जिससे आपको काफी आराम मिल सकता है। वहीं यदि आप लू लगने से बचना चाह रहे हैं तो आप प्याज के ऊपर के छिलके को जेब में रख सकते हैं, जिससे लू लगने के चांस काफी कम हो जाते हैं।
मालिश करें
लू लगने पर शरीर की मालिश करना भी आसान उपाय है, इसके लिए आप किसी भी ठंडे तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही साथ आप इसके लिए बर्फ से भी शरीर की सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आप आइस केप का यूज करें और मरीज के सिर, पैर, पीठ, छाती आदि जगह बर्फ की सिकाई करें।
शरीर पर गीला कपड़ा फेरें
लू लगने पर शरीर को ठंडे या गीले कपड़े से न लपेटें, क्योंकि यह इंसुलेशन की तरह काम करेगाा और आपकी बॉडी का तापमान बढ़ा देगा। इसकी जगह गीले कपड़े या रुई से ठंडे पानी में भिगोकर शरीर में हर जगह फेरें, जिससे शरीर का टेम्प्रेचर कम होगा और आपको काफी राहत मिलेगी।
ठंडी चीजें खाएं
लू से आपका शरीर गर्म हो जाता है और फिर आपके शरीर को ठंडा करने की जरुरत होती है। इसके लिए आपको ठंडी चीजों को खाने की जरुरत है। इसमें आप प्याज, तरबूज, ककड़ी, खीरा, खरबूजा, अंगूर आदि चीजें शामिल कर सकते हैं।
 धूप में जाने से बचे
जब आपको लू लग जाए तो सबसे पहले आपको ये करना है कि तुरंत धूप से निकलकर ठंडी जगह आना है। या इसके लिए आप कूलर या पंखे का प्रयोग करें। AC का प्रयोग न ही करें तो अच्छा, क्योंकि इससे आपको कूलर की अपेक्षा थोड़ा धीरे अंतर पड़ेगा।
ढ़ीले कपड़े पहनें
लू लगने पर सारे कपड़े उतार लें या फिर पतले कपड़े ही पहनें। इससे क्या होगा, आपके रोम छिद्र से गर्मी बाहर आएगी और आपकी बॉडी से ठंडक कुछ हद तक अंदर जाएगी। लेकिन यदि आप मोटे कपड़े पहने रहेंगे तो आपके शरीर की गर्मी बाहर नहीं आ पाएगी और आपकी बॉडी को जल्दी आराम नहीं मिलेगा।

साथ ही साथ जो आपको उपाय बताए हैं, ये सिर्फ शुरुआती उपाय हैं, इसलिए आपको लू लगने पर तुरंत डॉक्टर को भी दिखाना चाहिए, ताकि वो भी आपको तुरंत सही सलाह देकर आपका इलाज कर सके


लू को कैसे रोकें?

सूर्य के चरम पर होने पर इन चरणों का पालन करके लू लगने की रोकथाम की जा सकती है:

1. हाइड्रेटेड रहना
पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ पीना आवश्यक है क्योंकि यह शरीर से पसीने को निकालने में मदद करेगा और सामान्य तापमान बनाए रखेगा।

2. धूप से सुरक्षा पाएं
आपके शरीर में आत्म-शीतलन क्षमता होती है, लेकिन यह सनबर्न से प्रभावित हो सकती है। इसलिए, बाहर जाते समय कम से कम 15 एसपीएफ वाले हैट, धूप के चश्मे और सनस्क्रीन के साथ खुद को सुरक्षित रखना सबसे अच्छा है।

3. कोई भी दवा लेते समय सावधानी बरतें
यदि आप ऐसी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं जो आपके शरीर की हाइड्रेटेड रहने और गर्मी को कम करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं तो आपको गर्मी से जुड़ी समस्याओं से सावधान रहना चाहिए।

4. सबसे गर्म दिनों के दौरान ज़ोरदार कार्य करने से बचें
उस समय को सीमित करने का प्रयास करें जब तक कि आप दिन के सबसे गर्म हिस्सों में व्यायाम या काम करने में खर्च न करें, जब तक कि आप इसके लिए अनुकूलित न हो जाएं। जो लोग गर्म, नम वातावरणों के आदी नहीं हैं, उन्हें गर्मी से संबंधित समस्याओं का अधिक खतरा होता है। आपके शरीर को गर्म परिस्थितियों के आदी होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।

5. हल्के या ढीले ढाले कपड़े पहनें
अधिक कसकर फिट होने वाले कपड़े पहनने से आपका शरीर उचित रूप से ठंडा नहीं हो पाएगा। इसलिए, ढीले-ढाले कपडे पेहेनना बेहतर विकल्प है।

हीटस्ट्रोक का निदान कैसे किया जाता है?


यदि आपको गर्मी से संबंधित समस्या के कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको अपने शरीर के तापमान की जांच अवश्य करानी चाहिए। चूंकि 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान हीटस्ट्रोक का संकेत है, आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। आपका डॉक्टर हीट स्ट्रोक का निदान करने के लिए आपके संकेतों को ध्यान से देखेगा, लेकिन वह विभिन्न परीक्षण करने का निर्णय ले सकता है। इनमें रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण, मांसपेशी कार्य परीक्षण या एक्स-रे शामिल हो सकते हैं।


लू लगने के घरेलू उपचार

यहां कुछ बेहतरीन घरेलू उपचार दिए गए हैं जिनसे आप अपने हीटस्ट्रोक का इलाज कर सकते हैं:

  • कच्चे आम का पेय
  • इमली का पेय
  • चंदन
  • एलोवेरा जूस
  • नारियल पानी और छाछ
  • पुदीना और धनिया का जूस
  • प्याज का रस
लू के इलाज के लिए घरेलू उपचार पर्याप्त नहीं हो सकते हैं। यदि आप लू के लक्षणों का अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यदि आपको लू के मामूली लक्षण जैसे थकावट या ऐंठन हो रही है, तो आपको निम्नलिखित युक्तियों का पालन करना चाहिए:

लू लगने पर पीड़ित व्यक्ति को क्या खिलाते हैं?
प्याज का रस 
प्याज के रस को लू का रामबाण इलाज माना जाता है. इसलिए गर्मियों के मौसम में इसे खाने की सलाह दी जाती है. सुबह नाश्ते या लंच में कच्चा प्याज खाकर लू से बचा जा सकता है. वहीं लू लग जाने पर प्याज के रस को निकालकर हाथ, पैरों के तलवों और कानों के पीछे लगाने से शरीर के तापमान में कमी आती है.

लू लगने की निशानी क्या है?
लू लगने पर शरीर कई तरह के लक्षण दिखाने लगता है, जैसे - बुखार, त्वचा का लाल पड़ना, रूखा होना, गर्म होना, नम होना, नाड़ी का तेज चलना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, जी-मिचलाना, घबराहट होना, अधिक पसीना आना और बेहोश होना आदि

गर्मी में लू लगने पर क्या करें?
लू लगने पर क्या करें
लू लगने से बचाव के लिए सबसे पहले ठंडी जगह पर लेट जाएं। ध्यान रखें की एसी को बहुत तेज ना करें। शरीर को हवा लगने दें। ताजा पानी पीए और इसके अलावा इलेक्ट्रॉल घोल, नींबू पानी, सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

लू कब लगती है?
कब लगता है लू
गर्मियों में शरीर में पानी की कमी के कारण लू लगती है. इसके अलावा गर्म हवा और धूप में लगातार काम करने या बाहर निकलने, गर्म मौसम में अधिक कपड़े पहनने, शराब का सेवन करने आदि से भी लू लगती है

लू लगने से क्या होता है?
लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है:
लू का असर ब्रेन,किडनी,लीवर,दिल और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। पानी की कमी से किडनी काम ठीक से नहीं कर पाती और बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है

लू आपके शरीर को कैसे प्रभावित करती है?
हीटस्ट्रोक को अक्सर "लू लगना" कहा जाता है जिसका अनुवाद "लू से पीड़ित" होने के रूप में किया जाता है। लू या पर्यावरण की गर्मी के अत्यधिक संपर्क में आने से हीटस्ट्रोक हो सकता है, शरीर का तापमान बढ़ सकता है जिससे बुखार हो सकता है, चेहरे पर खुरदरी त्वचा सुस्त हो जाती है, और सिर में गर्मी का लगातार एहसास होता है।

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