कमजोर पाचन बन रहा है पेट की गड़बड़ियों का कारण, तो इन 5 योगासनों का जरूर करें

 दिनभर में कुछ देर योग करके पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान की जा सकती है। जानते हैं वो कौन से योगासन है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बनाएंगे हेल्दी।



आहार में गड़बड़ी और तली भुनी चीजों के अधिक सेवन के कारण अपच की समस्या होना सामान्य है। हालांकि अगर आपको लगातार इस तरह की दिक्कत बनी रहती है तो इस बारे में अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है। पाचन तंत्र के ठीक तरीके से काम न करने की स्थिति में पेट से संबंधित तमाम तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। भोजन का पाचन आपके मुंह से शुरू होकर पेट और फिर आंतों तक जाता है। भोजन के ब्रेक डाउन के बाद शरीर द्वारा पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। पाचन प्रक्रिया के अपशिष्ट उत्पाद शौच के माध्यम से बाहर आ जाते हैं। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक स्वस्थ शरीर के लिए भोजन का उचित पाचन आवश्यक है। आपके खाने की आदतें और गतिविधियां सीधे पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं। आप अपनी जीवनशैली या खाने की आदतों में बदलाव करके अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं। पाचन में सुधार करने के लिए कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करना भी फायदेमंद माना जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे ही कुछ योग अभ्यासों के बारे में जानते हैं। 

इन योगासनों की मदद से पाचनतंत्र को बनाएं मज़बूत

पश्चिमोत्तासन योग है काफी लाभदायक
पश्चिमोत्तासन या आगे की ओर झुकाव वाला योगाभ्यास, गैस और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। यह पेट की चर्बी को भी कम करता है और पेट के अंगों की शक्ति बढ़ाता है। जिन लोगों को पाचन की समस्या हो उन्हें नियमित रूप से पश्चिमोत्तासन अभ्यास करना चाहिए।

चाइल्ड पोज का करें अभ्यास

बालासन या चाइल्ड पोज, आपको तनाव मुक्त करने के साथ दिमाग को शांत करने में मदद करता है। इस योग का नियमित अभ्यास जांघ, कूल्हों और लसीका तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। जिन लोगों को अक्सर कब्ज या पाचन की समस्या रहती हो उनके लिए चाइल्ड पोज का अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है। 

पवनमुक्तासन का करिए अभ्यास
कब्ज, पेट साफ न होने या पाचन की खराबी जैसी पेट की बीमारियों को दूर करने के लिए पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास करना लाभदायक माना जाता है। यह आपके पाचन में सुधार करने के साथ पेट के गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूती देने के लिए भी इस योगासन का अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है।

कोबरा पोज़
कोबरा पोज़ या भुजंगासन का अभ्यास करना पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है। पेट की मांसपेशियों को फैलाने और शरीर की मुद्रा में सुधार करने में यह योग मदद करता है। जिन लोगों को पाचन की समस्या लगातार बनी रहती है, ऐसे लोगों को लिए भुजंगासन का अभ्यास करना काफी फायदेमंद माना जाता है। 

नौकासन

नौकासन का अभ्यास पीठ, कमर और टांगों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा असंतुलित पाचन क्रिया भी सुचारू होने लगती है। योग को रूटीन में शामिल करके पाचनतंत्र को नियमित किया जा सकता है। इसके अलावा कब्ज, गैस और एसिडिटी की परेशानी को भी दूर करने में ये योग मददगार साबित होता है।

इस योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल सीधा लेंटे। कमर को सीधे रखें। अब टांगों को उपर की ओर खींचें।

अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें। उसे बाद गर्दन को उपर की ओर उठाएं और कमर तक शरीर को उठाने का प्रयास करें।

शरीर को बैलेंस बनाए रखने के लिए दोनों बाजूओं को एकदम सीधा रखें। इससे पेट की मांसपेशियां स्ट्रेच होने लगती है।

गहरी सांस लें और 25 से 30 सेकण्ड तक दसी मुद्रा में बने रहें। अब शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और मैट पर लेट जाएं।






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