पेटीएम  से डायरेक्ट फंड ट्रांसफर की सुविधा, विदेश से सीधे डिजिटल वॉलेट में आएंगे पैसे

 

पेटीएम  से डायरेक्ट फंड ट्रांसफर की सुविधा, विदेश से सीधे डिजिटल वॉलेट में आएंगे पैसे


विदेश में रह रहे दोस्तों-रिश्तेदारों से कैश पाने का एक नया और आसान तरीका आया है। पेटीएम ऐसी सर्विस शुरू कर रही है, जिसके जरिए आप विदेश से पैसे सीधे अपने डिजिटल वॉलेट में पा सकेंगे। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने इसके लिए 'रिया मनी ट्रांसफर' से करार किया है। इसका फायदा पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 33.3 करोड़ कस्टमर उठा सकेंगे।


ऐप या वेबसाइट के जरिए कैश ट्रांसफर की सुविधा
रिया मनी ट्रांसफर यूरोनेट वर्ल्डवाइड का एक बिजनेस सेगमेंट है। यह एक से दूसरे देश में फंड ट्रांसफर करने की सुविधा देती है। इसका नेटवर्क दुनियाभर में 3.6 अरब से ज्यादा बैंक एकाउंट के अलावा 41 करोड़ मोबाइल और वर्चुअल एकाउंट के लिए सर्विस दे रहा है। इसके दुनियाभर में 4,90,000 रिटेल आउटलेट हैं लेकिन इसके कस्टमर ऐप या वेबसाइट के जरिए भी कैश ट्रांसफर कर सकते हैं।


एकाउंट वैलिडेशन के अलावा नाम का भी मिलान होगा
रिया अपनी सर्विस रियल टाइम बेसिस पर देती है। यानी एक पार्टी के फंड ट्रांसफर करते हुए दूसरी पार्टी को पैसा मिल जाता है। इसके फंड ट्रांसफर में कई तरह के सिक्योरिटी फीचर हैं। जैसे कि पेमेंट से पहले एकाउंट वैलिडेशन के अलावा नाम का भी मिलान होगा। एकाउंट वैलिडेशन में ट्रांजैक्शन से पहले बैंक एकाउंट का नंबर और दूसरे डिटेल का मिलान किया जाता है।



फंड ट्रांसफर सुरक्षित, किफायती और फटाफट होगा
पेटीएम पेमेंट्स बैंक की नई सेवा के बारे में उसके मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) सतीश कुमार गुप्ता ने कहा, 'हम पेटीएम वॉलेट में इंटरनेशनल रेमिटेंस (विदेश से कैश पाना) के डायरेक्ट ट्रांसफर की सुविधा दे रहे हैं। फंड ट्रांसफर पूरी तरह सुरक्षित तरीके से फटाफट होगा और किफायती होगा।' इस सर्विस का लाभ उन कस्टमर को मिलेगा जिनका फुल KYC (नो योर कस्टमर) कंप्लीट है।


रोजाना 2 अरब डॉलर के लेन-देन कराती है वॉलेट इंडस्ट्री
जानकारों के मुताबिक, मोबाइल वॉलेट इंडस्ट्री रोजाना लगभग 2 अरब डॉलर के लेन-देन कराती है। 2023 तक सालाना ट्रांजैक्शन लगभग एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। मोबाइल वॉलेट दुनिया के ऐसे 96% देशों में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जहां एक तिहाई से भी कम लोगों के पास बैंक एकाउंट है। इस तरह मोबाइल वॉलेट से फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ावा मिल रहा है।

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