Mutual Fund क्या है और कैसे खरीदें?

Mutual Fund क्या है और कैसे खरीदें?




क्या आपने कभी म्यूच्यूअल फण्ड क्या है के बारे में सुना है? क्या आप जानते है की ये कैसे काम करते है? अगर नहीं तो आज में आपको इसके बारे में बताऊंगा.

बहुत से लोग केवल इनके बारे में सुनते ही मन में कई कल्पना कर लेते हैं और बिना कुछ जाने ही इसके बारे में उलटी सीधी चीज़ मन में सोच लेते हैं. जो की करना बिलकुल भी सही नहीं है.
इसलिए आज मैंने सोचा क्यूँ न आप लोगों के मन में जो Mutual Funds को लेकर जो गलत्फैमी बैठी है उसे आज दूर करते हैं और इसकी सच्चाई से आपको वाकिब करते हैं.

म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा कमाने का एक बहुत ही अच्छा और आसान तरीका है. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास हज़ारों रुपये हो ये जरुरी नहीं. बल्कि आप मात्र 500 रुपये हर महीने की दर से भी इसमें निवेश कर सकते है.

बहुत से लोग Mutual Funds और stock/share market को एक ही मानते है पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है. म्यूच्यूअल फण्ड और share market दोनों ही बाजार का हिस्सा है पर दोनों में बहुत ज्यादा अंतर है.

आज की इस पोस्ट से हम जानेंगे की इनमे क्या अंतर है और आखिरकर ये म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है और कैसे इसमें हम safely निवेश कैसे कर सकते हैं?
म्यूचुअल फंड मतलब एक ऐसा फण्ड जिसमे बहुत सारे लोगो का पैसा होता है और कंपनी उन पैसों को बहुत जगहों पर निवेश करती है. कई जगहों पर निवेश की वजह से इसमें रिस्क कम हो जाता है क्यूंकि अगर एक कम्पनी में नुकसान होता है तो दूसरी में फायदा हो सकता है. म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं।

म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है।  भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है (18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।


म्यूच्यूअल फण्ड क्या है

म्यूच्यूअल फण्ड एक फंड (संग्रह) होता है जिसमे बहुत सारे निवेशकों का पैसा एक साथ पारस्परिक रूप से रखा जाता है धन के इस समूह को सबसे अधिक संभव मुनाफा अर्जित करने के लिए manage किया जाता है.
आसान शब्दों में कहें तो Mutual Funds बहुत सारे लोगों के पैसे से बना हुआ फण्ड होता है. जिसमे लगाया गया पैसे अलग अलग जगहों पर निवेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और कोशिश की जाती है की निवेशक को उसकी रकम से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिया जाए.

Fund को प्रबंधित करने का काम एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसको पेशेवर फंड मैनेजर (Professional Fund Manager) कहा जाता है.

Proffesional fund manager का काम म्यूच्यूअल फण्ड की देख रेख करना व फण्ड के पैसे को सही जगह पर लगा कर अधिक मुनाफा कराना होता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो इसका काम लोगो के लगाये गए पैसो को मुनाफे में बदलना होता है.

Mutual Funds SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के अंतर्गत पंजीकृत हैं जो कि भारत में बाजार को नियंत्रित करता है. निवेशकों के पैसो को बाजार में सुरक्षित रखने का काम SEBI के द्वारा किया जाता है. SEBI द्वारा सुनिश्चित किया जाता है की कहीं कोई कंपनी लोगों के साथ धोखा तो नहीं कर रही.
Mutual Funds भारत में बहुत लंबे समय से मौजूद है पर आज भी लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. शुरूआती समय में लोगों की धारणा थी की Mutual Funds केवल अमीर वर्ग के लिए है.

पर ऐसा बिलकुल नहीं है और आज के समय में ये धारणा बदलती हुयी नजर आ रही है. लोगों का रुझान Mutual Funds की तरफ बढ़ा है. आज के समय में Mutual Funds केवल अमीर वर्ग के लिए नहीं है.

बल्कि कोई भी व्यक्ति मात्र 500 ₹ हर महीने की दर से Mutual Funds में निवेश कर सकता है. Mutual Funds में निवेश की न्यूनतम राशि 500 रुपये है.


म्यूच्यूअल फण्ड का इतिहास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था.

इसका मुख्य उद्देश्य था छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना.

UTI का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत 1963 में किया गया था. इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी. और शुरूआती समय में इसने RBI के अंतर्गत काम किया.

1978 में UTI को RBI से अलग कर दिया गया. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को आरबीआई के स्थान पर विनियामक (Regulatory) और प्रशासनिक नियंत्रण (Administrative control) का अधिकार मिला. और UTI ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया .

भारत में Mutual Funds के विकाश को कई चरणों में बांटा जा सकता है. जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था जिसमे UTI के पास 6700Cr ₹ का fund आ चूका था.

इसके बाद 1987 से दूसरा चरण शुरू होता है इसमें public sector फण्ड की entry शुरू हुयी. इस समय में बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला.

SBI ने पहला NONUTI mutual fund बनाया. दूसरा चरण 1993 में खत्म हुआ पर दूसरा चरण के खत्म होते होते AUM यानी की Assets under management ₹6700Cr से कहीं ज्यादा बढ़कर ₹47004CR हो गया. इस चरण में निवेशकों के मध्य म्यूच्यूअल फण्ड में काफी उत्साह देखने को मिला.

तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ जो की 2003 तक चला. इस चरण में private sector funds को मंजूरी मिली. इसी चरण में निवेशकों को Mutual Funds के ज्यादा विकल्प मिले . इस चरण का अंत 2003 में हुआ.

चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है. 2003 में UTI को दो अलग चरणों में बाँट दिया गया. पहला SUUTI और दूसरा UTI mutual fund जो की SEBI MF के नियमो के अनुसार काम करते थे. 2009 की आर्थिक मंदी का असर पूरी दुनिया पर पढ़ा.

भारत में भी निवेशकों का काफी नुकसान हुआ. इससे लोगों का भरोसा म्यूच्यूअल फंड्स से थोडा सा कम हुआ. पर धीरे धीरे ही सही यह उद्योग वापस पटरी पर आने लगा. 2016 में AUM ₹15.63 trillion हो चूका था. जो की अब तक का सबसे ज्यादा था.

निवेशकों की संख्या लगभग 5 CR के ऊपर हो चुकी है और हर महीने लाखों नए निवेशक जुड़ रहे है. यह चरण म्यूच्यूअल फंड्स के लिए सुनेहरा साबित हुआ है


देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)

डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund)




*इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)

ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती हैं. छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इससे आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है. इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है. जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी Mutual Fund स्कीम के भी 10 अलग प्रकार हैं.

*डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)

ये Mutual Fund स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं. पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है. ये Mutual Fund स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.

*हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund)

ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है.

*सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम (Solution Oriented Mutual Fund )

Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) के चार्ज

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) स्कीम में होने वाले सभी खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं. एक्सपेंस रेश्यो से आपको यह पता लगता है कि किसी Mutual Fund के प्रबंधन में प्रति यूनिट क्या खर्च आता है. आम तौर पर एक्सपेंस रेश्यो किसी Mutual Fund स्कीम के साप्ताहिक नेट एसेट के औसत का 1.5-2.5 फीसदी होता है.

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें

वैसे तो Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं. उनमें कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि.

वहीँ मेरी सलाह माने तो आप Groww Mutual Fund App का इस्तमाल कर सकते हैं. क्यूंकि मैं बहुत समय से इस app का इस्तमाल कर रहा हूँ और मुझे अभी तक भी कोई दिक्कत नहीं हुई है.

म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे

वैसे तो Mutual Funds के कई फायेदे हैं लेकिन जो important फायेदे हैं उसके बारे में में आज में आप लोगों को पूरी जानकारी देने ही कोशिस करूँगा.

1. Professional Management
आपके द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स में लगाया गया पैसा म्यूच्यूअल फंड्स विशेषज्ञों द्वारा उनके अनुभव और उनके हुनर के साथ manage किया जाता है.

ये पैसा लगाने से पहले जिस फण्ड में पैसा लगते है उसकी पूरी तरह से रिसर्च करके जानकारी जूटा लेते है अगर उसके बाद इनके द्वारा जुटाई गयी जानकारी के अनुसार आपके पैसे में वृद्धि होती है तो ही ये निवेश करते है.

2. Diversification (विविधता)
सुरक्षित निवेश का मूल मंत्र है की अपने पैसे को एक जगह न लगा कर बहुत सारी जगहों पर बाँट दो और कई सारी जगहों पर निवेश करो. हर mutual फण्ड पैसे को अलग अलग जगहों पर निवेश करता है.

अच्छे फण्ड में न केवल दूसरी कंपनी बल्कि दुसरे सेक्टर या शायद अलग size की कंपनी में भी निवेश किया जा सकता है. जिससे निवेशकों को अधिकतम सुरक्षा मिलती है.

3. Variety (विकल्प)
Mutual Funds में आज हर तरह के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ है. ज्यादा रिटर्न्स की चाहा रखने वालो के लिए ज्यादा रिटर्न्स वाले, अधिकतम सुरक्षित निवेश की इच्छा रखने वालो के लिए अधिकतम सुरक्षित फंड्स से लेकर हर तरह के फंड्स मौजूद है.

आप किसी भी तरह के निवेश की इच्छा रखते हो पर मुमकिन है की आपके लिए कोई न कोई mutual fund जरूर बना होगा और वो आपकी जरुरत के अनुसार बैठेगा.

4. Convenience (सुविधा)
आप बड़ी ही सरलता से Mutual Funds में निवेश कर सकते है. उतनी ही सरलता से आप फंड्स से पैसे निकाल भी सकते है. निवेश करने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा जो की आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों जगहों या कहीं पर से भी भर सकते है.

इसके बाद आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरीको से फंड्स बेच या खरीद सकते है. Mutual Funds में काफी विकल्प होने के साथ साथ काफी ज्यादा सुविधाएं भी है.

5. Affordable (सस्ता)
बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमत काफी ज्यादा होती है. बहुत बार आप उन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है पर आपका बजट कम होने की वजह से आप ऐसा नहीं कर पाते. जबकि Mutual Funds में बहुत सारे लोगों का पैसा एक साथ होता है तो आपके पैसे से बड़ी कंपनियों में निवेश किया जाता है.

और आपका पैसा वहां पर ज्यादा मुनाफा अर्जित करता है. mutual फंड्स न केवल बड़े बल्कि छोटे निवेशकों को बड़ी कंपनियों में Mutual Funds के जरिये निवेश करने का रास्ता है.

6. Tax Benefits
जब भी आप शेयर बाजार में निवेश करते है तो आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए टैक्स देना पढता है. पर Mutual Funds में आपको टैक्स पर छूट मिलती है.

कुछ फंड्स में आपको अपने मुनाफे पर कुछ अवधी तक कोई टैक्स नहीं भरना पढता. टैक्स में मिलने वाली छूट भी एक वजह है जिससे ये काफी लोकप्रिय होते जा रहे है.

Mutual Funds में निवेश करने से पहले सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी एकत्रित कर ले. किसी भी नुक्सान के आप स्वयं ज़िम्मेदार होंगे

हमारी अंतिम राय !

हमने अपनी इस पोस्ट के जरिये आपको म्यूच्यूअल फण्ड क्या है (Mutual Funds in Hindi) की जानकारी हिंदी में प्रदान करने की कोशिश की है.

हम आशा करते है की आपको हमारी ये पोस्ट पसदं आई होगी तो इसे अभी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें से जुडी कोई भी समस्या है या जानकारी चाहते है तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें जिससे हम आपकी समय में मदद करने की कोशिश कर सकते हैं.


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